टीवी चल रहा था। टीवी वाला कमरा अभी ब्यूटी पारलर बना हुआ था। उसकी बहन शायद वैक्सिंग करवा रही थी या फिर थ्रेडिंग, पता नही। आखिर एक लड़के को कितना पता होगा इन चीज़ों के बारे में। वह दूसरे कमरे में बैठा यही सोच रहा था। टीवी की आवाज़ उस कमरे में भी आ रही थी। उसने घड़ी की ओर देखा, शाम के 6 बज रहे थे। तभी माँ की आवाज़ आई "सूरज, रसोई में आओ।" सूरज रसोई में जाकर खाना बनाने में माँ की मदद करने लगा। कुछ देर बाद बोला "माँ लड़कियां ये सब क्यों करवाती हैं।" माँ दाल को छोंक रही थी। वही करते करते बोली "क्योंकि लड़कियों को सुन्दर दिखना होता है, यही तो समाज का नियम है"। टीवी अभी भी चल रहा था। "बेबी डॉल मैं सोने दी... बेबी डॉल मैं सोने दी..." की आवाज़ आ रही थी।
मनु कंचन
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