A Wild Goose Chase
Running for Nothing...
Saturday, May 10, 2014
घटनायें
हँसता हूँ अपनी ही रचनाओं पे,
लिखीं हैं जो जीवन की अनगिनत घटनाओं पे,
ये घटनायें कितने निशान छोड जाती हैं,
जिंदगी के रासते जाने कैसे मोड़ जाती हैँ,
मंज़िलों के निशान तक बाकी नहीं रहते,
इनकी बुनियाद को कुछ ऐसे तोड़ जाती हैँ... -- मनु कंचन
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